Does every substance or particle have consciousness?


              Does every substance or particle                                     have consciousness?


If we talk about the living beings then life, soul, consciousness have been found in them. Now the question is, does life, soul or consciousness work in other materials such as atoms and molecules  also? If it is, what is its condition? What is its function or how much?

   According to spirituality, in the particle, the conscious power is accepted (in the particle, there is existence of God is said).
Hence it is believed that there is some divine power in every particle.

Modern science is in search of what these atoms and molecules  are made of, what is the smallest unit from which this atoms and molecule is made up off?

                                           what is the basic cause of creation?

The work of modern science is in progress so far as I understand modern science, it has been explained so far through small unit of molecules, quarks, leptons, gluons, or string. The question arises here that why these forces in small atoms or molecules originated in between electron proton and neutrons? How did it happen? How is there so much power inside these atoms and molecules? why the force of attraction or repulsion in between them? an all other activities in between them?


Spirituality believes that consciousness is present in every composition and every particle has its own consciousness, but their consciousness has some  limitations and scope, just as the consciousness of human beings is more developed than other beings, therefore there work is defined as per their consciousness, the work of all creations is determined according to their consciousness, which is as much progressive as it is conscious.

Therefore, consciousness is considered in every composition, but they have their own limits. how much their power is active.
That conscious power is so powerful that it can destroy anything depends on its conscious state.
As the atomic bomb has been invented, the power of an atom and molecule can be seen.
It is the conscious force that creates the force inside the molecules.

Therefore, the belief of Chaitanya Shakti has been considered everywhere, according to Hindu beliefs, there is no shape of this Chaitanya Shakti, it can never be seen as such, it is very subtle, it is formless but is prevalent everywhere.


              क्या हर एक पदार्थ में चेतना शक्ति है?


अगर हम बात करे जीव-जंतुओ की तो उनमे जिंदगी, आत्मा , चेतना का होना पाया गया है। अब सवाल यह है क्या अन्य पदार्थीओ में भी जीवन आत्मा अथवा चेतना काम करती है? अगर है तो उसकी अवस्था क्या है?उसका कार्य क्या है अथवा कितना है?

   अध्यात्म के अनुसार कण-कण में चैतन्य शक्ति को मानागया है (कण-कण में इस्वर का वास् बताया गया है)

अतः ऐसा माना गया है कि कोई ईस्वरीय शक्ति हर कण में है
आधुनिक विज्ञानं इसी खोज में है कि आखिर ये अणु और परमाणु किस चीज़ से बने है, वह कौन सी छोटी से छोटी इकाई  है जिससे यह अणु बने है? 
आधुनिक विज्ञानं का कार्य प्रगति पर है जहाँ तक मेरा आधुनिक विज्ञानं कि समझ है तो वह अबतक अणुओ कि छोटी इकाई क़्वार्क्स,लेप्टोंस ,ग्लूओन्स,अथवा स्ट्रिंग के माध्यम से समझाया गया है। सवाल यहाँ उठता है कि छोटे से अणुओ में इलेक्ट्रान प्रोटोन न्यूट्रॉन में बल कि उतपत्ति क्यों हुई?कैसे हुई? इन अणुओ के अंदर इतनी शक्ति कैसे है? और अन्य गतिविधिया क्यों है?
अभी आधुनिक विज्ञानं के पास इस सब सवालो के सटीक जवाब नहीं है?

अध्यात्म का मानना है कि हर  एक रचना में चेतना का वास् होता है और हर कण में खुद कि चेतना होती है, परन्तु इनकी चेतना का कुछ ही  दायरा है जिस प्रकार मनुष्य कि चेतना अन्य जीवो से ज्यादा विकशित है इसलिए वह खुद है सक्छम है हर एक काम करने के  लिए वैसे ही पशु पेड़ पौधे इत्यादि का दायरा निर्धारित है इनकी चेतना के अनुसार,जो जितना चैतन्य है वह उतना ही प्रगतिशील है।

अतः चेतना शक्ति को हर एक रचना में माना गया है किन्तु उनकी अपनी एक सीमा है। 

वह चैतन्य शक्ति इतनी प्रभाव शाली होती है कि वह किसी भी चीज़ का विनाश कर सकती है वह उसकी चैतन्य अवस्था पर निर्भर करता है 
जिस प्रकार परमाणु बम का अविष्कार हुआ है, जिससे एक अणु कि शक्ति देखि जा सकती है।
वह चैतन्य शक्ति ही है जो अणुओ के अंदर बल पैदा करती है।

अतः चैतन्य शक्ति का वास् हर जगह माना गया है हिन्दू मान्यताओं के अनुसार  इस चैतन्य शक्ति का कोई आकर नहीं है इसे कभी ऐसे देखा नहीं जा सकता यह अत्यधिक शुक्ष्म है, यह निराकार है पर सर्वत्र व्याप्त है ।

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