"Spirituality and Science"

            
                                               "अध्यात्म और विज्ञान"

   
मै अध्यात्म और विज्ञान को समझने का प्रयत्न कर रहा हूँ, आखिर  विज्ञान अध्यात्म
है क्या?इनके उद्देश्य क्या है?

हमारा मानना यह है की अध्यात्म और विज्ञान दोनों को समझना चाहिए, दोनों एक ही है,विज्ञान और अध्यात्म दोनों का मूल श्रोत एक ही है,जिनके  परिणामो में कोई अंतर नहीं है,दोनों में बस थोड़ा सा ही अंतर है की विज्ञान जिज्ञासा और अध्यात्म चेतना से है,किन्तु जिज्ञासा चेतना से ही उत्पन्न होती है।
अगर अध्यात्म और विज्ञान के उद्देश्यों के तरफ देखा जाये तो दोनों के उद्देश्य एक ही है और वह है सत्य की खोज करना,सत्य तक पहुंचना
हिन्दू धार्मिक ग्रंथो में वेदो पुराणों में इन मार्गो के विषय में बताया गया है,कैसे ऋषि-मुनि  ध्यान लगा कर चेतना को जागृत कर सत्य का पता लगाया करते थे।

ऋषि मुनियो की खोज का वर्णन कुछ  इस प्रकार है:-


१ जैसा की ये समस्त ब्रह्माण्ड के पदार्थ आणुविक अलौकिक शक्तियो से बने है,वे उन शक्तियों को अपने बस में कर के उसे अपने हिसाब से प्रयोग किया करते थे जैसे की किसी ही पदार्थ को एक अलग पदार्थ में परिवर्तित करना।जैसा की आज का विज्ञान भी ऐसा करने की प्रतिक्रिया अथवा खोज करने में लगा हुआ है।

२ आध्यात्मिक बल और शक्तयो का प्रयोग कर के ऐसे दिव्या अस्त्रों को बनाना और उनका प्रयोग करना,जैसे सुदर्शन चक्र,ब्रह्मास्त्र, 
 नारायणास्त्र इत्यादि जिनको ऐसे जटिल तकनीकी से बनाया गया था जिसे आज का विज्ञान भी बनाने में नाकामयाब है।
३ अपनी आत्मा को अपने  वाश में कर के अपने चेतना तथा अपनी शरीर को ब्रह्माण्ड में कही भी ले जा सकते थे।

४ भूत,भविष्य के बारे में पता लगाना और किसी भी घटित घटना को चेतना शक्ति द्वारा देख लिया करते थे,जैसा की आज का विज्ञान भी ऐसी मशीन बनाने में लगा है जो भविष्य देख सके।
५ कहि न कही अध्यात्म की ऐसी खोज रही है जो की जनकल्याण के किये हो और जिनका इस सृष्टि की सभी प्राणियो के हितमें हो जिनसे उनका कोई नुकसान न हो जैसे आयुर्वेद की खोज।

लेकिन जिस प्रकार विज्ञान खोज करने में जुटा है एकदिन वो भी सत्य की खोज तकनिकी के माध्यम से के ही लेगा ऐसी आस जताई जा सकती है, विज्ञान भी यही ढूढने में लगा है की पदार्थ बनने की शुरुआत कैसे हुई है, वह क्या है जिससे पदार्थ की रचना हुई है जो सबसे सूक्ष्म है।

एकदिन अध्यात्म और विज्ञान को साथ होना होगा जिससे सत्य का पता लगाया जा सके। व्यक्ति को आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण  से सोचना चाहिए तभी वह तकनिकी सफल हो सकेगी।


                   
                 "अध्यात्म में बहुत गहरा विज्ञान है किन्तु आज के विज्ञान में कोई अध्यात्म नहीं है"




                                                        "Spirituality and Science"
   
I am trying to understand spirituality and science, what is spirituality and science after all? What is their purpose?

We believe that both spirituality and science must be understood, both are the same, both science and spirituality have the same basic source, there is no difference between the results, there is only a slight difference between science, curiosity and spirituality Consciousness is there, but curiosity arises from consciousness itself.

If we look at the objectives of spirituality and science, then the objectives of both are one
If we look at the objectives of spirituality and science, then both have the same objective and that is to search for the truth, to reach the truth.

Ved Puranas in Hindu religious texts have told about these passages, how sages and sages used to meditate and awaken the consciousness and find out the truth.


The description of the discovery of sage Muniyo is as follows: -


1 As these cosmic substances are made up of inelastic supernatural powers, they used to use those powers in their own way, such as to convert any substance into a different substance, such as today's science. It is also engaged in the reaction or search to do so.

2 Using and using spiritual force and powers, create and use such diva weapons like Sudarshan Chakra, Brahmastra,
 Narayanastra etc., which were made with such complex technology, which even today's science has failed to make.

3 By taking your soul in your wash, you could take your consciousness and your body anywhere in the universe.

4 Used to find out about the future and see any event happening with the power of consciousness, as today's science is also involved in making such machines which can see the future.

5 There has been such a discovery of spirituality that has been done for the welfare of the people and which is in the interest of all the creatures of this world so that they do not cause any harm like the discovery of Ayurveda.

But just as science is engaged in searching, one day it will also search for the truth through technology, it can be hoped that science is also looking to find out how it has started to become matter, what is it that makes matter Has been created which is the most subtle.
One day spirituality and science have to be together so that truth can be discovered.One should think from both a spiritual and scientific point of view only then that technology will be successful.

                     "There is a very deep science in spirituality, but there is no spirituality in today's science"

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