The laws of formation and deformation of each composition or creation of the universe.
Actually, the creation of this entire universe is a very big question in itself. The creation of this universe has been confusing humans with new questions in the longing to discover this subject.
But despite its unresolved mysteries, the universe is in constant progress. And its progressivity is increasing day by day.
Therefore after deep study of many principles of spiritual science or modern science, one gets to know about the basic law of the universe.
Which is as : -
The laws of formation and deformation of each composition or creation of the universe.
The recommendations of this law, whatever is done in this universe, either it is done by the Supreme Consciousness or God or by humans in the earth, all those creations are going to end one day after completing there life span.
i.e All these creators, after spending their lifetime, will then merge with the ultimate consciousness.
If we consider the life span of anyone on this earth, the death of the person who is born is certain.
If we talk about the life span of a star, it collects the microscopic molecules present in the galaxy present in the universe and takes a form of a giant body and has many nuclear reactions and it becomes a full star and so on continuously In response, it spends his life span, so once life ends, he merges again in the cosmic galaxy.
Will every composition dissolve like this one day? Or is it actually the physical creation of the universe that will be destroyed?
If this happens, what will change in the universe?
Yes, it is likely that every creation of the universe will end. If this happens, the physical time of the universe will end.
And the universe will go from a state of awakening to sleep.
But there is also a possibility that in this universe,The energy and atoms or molecules are formed with the power of the ultimate consciousness and this process never stopped.
Therefore, these formations and deformations will keep repeating itself until its life span of the universe is over and after the end of life, this cosmic crowd will go into a sleep state and it will come again to to awaken state and create the new universe. and the process will go on.
ब्रह्मांड की प्रत्येक रचना के गठन और विरूपण का नियम।
वास्तव में देखा जाये तो इस सम्पूर्ण सृष्टि की रचना अपने आप में ही एक बहुत बड़ा प्रश्न है। इस ब्रह्माण्ड की रचना ने इस विषय की खोज की लालसा में मनुष्यो को नए प्रश्नो से भ्रमित करती जा रहा है।
परन्तु अपने अनसुलझे रहस्यों के बावजूद यह ब्रह्माण्ड निरंतर प्रगति पर है। और इसकी प्रगतिशीलता दिनोदिन बढ़ती जा रही है।
अतः आध्यात्मिक विज्ञानं अथवा आधुनिक विज्ञानं के कई सिधान्तो के गहराई से अध्यन करने के बाद ब्रह्माण्ड के एक मूल नियम के बारे में पता चलता है।
जो कुछ इस प्रकार है:-
"ब्रह्मांड की प्रत्येक रचना के गठन और विरूपण का नियम"
इस नियम के अनुशार इस ब्रह्माण्ड में जो भी रचनाये हुई है चाहे वह परम चेतना अथवा परमात्मा के द्वारा हुई हो या मनुष्यो द्वारा हुई हो उन सभी रचनाओं का अंत होना तै है।
यह सभी रचनए अपना जीवन काल व्यतीत करने के बाद फिर परम चेतना शक्ति में विलीन हो जायगी
अगर इस सिद्धांत को गहराई से समझा जाये तो इस सिद्धांत से कई प्रश्नो के हल मिल जाते है
इस धरती पर किसी के भी जीवन काल पर विचार किया जाए तो जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है।
इसी प्रकार इस ब्रह्माण्ड में जितनी भी रचनाये है उनका भी नष्ट होना निश्चित है।
अगर हम बात करे एक तारे के जीवन काल के बारे में तो वह ब्रह्माण्ड में उपस्थित आकाशगंगा में उपस्थित सूक्ष्म अणुओ को एकत्रित कर के एक पिंड का रूप धारण कर के उनमे कई प्रकार की प्रतिक्रियाएं होती है और वह पूर्ण तारा बनता है अतः इसी प्रकार निरंतर प्रतिक्रियाओं में वह अपना जीवन कल वयतीत करता है अतः जीवन काल ख़त्म होते ही वह पुनः ब्रह्मांडीय आकाशगंगा में विलीन हो जाता है।
क्या इसीप्रकार हर रचना एकदिन विलीन हो जायगी? या वास्तव में जों ब्रह्माण्ड की भौतिक रचना है वह नष्ट हो जाएगी?
अगर ऐसा हुआ तो सृष्टि में क्या क्या परिवर्तन होगा?
हाँ यह होने की संभावना है की ब्रह्माण्ड की हर एक रचना का अंत हो जायेगा। अगर ऐसा हुआ तो सृष्टि का भौतिक समय ख़त्म हो जायेगा।
और ब्रह्माण्ड जागृत अवस्था से निंद्रा अवस्था में चला जायेगा।
किन्तु एक संभावना यह भी है की निरंतर इस ब्रह्माण्ड में परम चेतना शक्ति से से अणुओ अथवा परमाणुओं की रचना होती रहे और यह क्रिया कभी रुके ही न।
Bunch of Information...Nice blog
ReplyDeletethank you if u like plz share..
DeleteIt's your imagination of going to be in success .you will be a scientist in future .my ideal brother .
ReplyDeletelots of thanks for your lovely comment
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