Time and Time period or Life span. And combined theory of Time dilation.


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In the modern era, knowing about time, theory of time or activities and behaviour of time is the most complex question. The longing to know about these mysteries is being brought many theories in the modern era.And this modern theories is making more complex in understanding of time.


Is time really that hard to understand?


The disciplinary of modern science theories time began with a big bang. The speed of time can change. It can be more or less, it depends on the speed. and modern theory also says that time dilation is possible.

Now the question is, is time dilation is really possible? Can it be slow or fast?

About the origin of time and life span of universe is detailed in link below.



If we talk about the theory of modern or spiritual science, then:


1- Yes it is true that the beginning of physical time started after the big bang. But the time was also before the big bang when the ultimate consciousness power was in sleep state and the physical development of the world was not happening. So when did real time begin? How did it happen? It is very difficult to know. but real origin of time is not big band.



2- Life time or life span: - How long is the life of any composition, it is called its life time or life span. Hence the time in which that creation existed.
Therefore, the time of the creation of the universe or the great explosion in the universe cannot determine when the time began.

Therefore, time has not originated due to the big explosion or during big bang because it is the time for the beginning of physical creations. So this is the beginning of the time in which physical creations started.


Therefore, time will continue continuously even after the completion of these physical creations or time will exist after the life span of all the physical creation.




3- It is not possible to change the speed of time or time dilation is not possible.According to Spiritual science time do not change for anyone. It runs constantly for everyone.

If a change in the speed of time is being observed through an experiment, then this change can happen in the time of the clock, so the slowing or acceleration of the time of a clock does not determine whether the speed of real time is changes.

In modern science, a theory says  the speed of time can vary or time dilation is possible, which says "If we move faster than the speed of light, time will change".

In which time slows down in the black hole according to modern science.

"If In any experiment the change in the speed time of the clock is observed, then that change can be due to the change in the speed of electron or atoms from which clock is made up off. The speed of the clock atoms or electron  can change or vary due to the external gravitational force. so clock can be influenced by external gravitational force".



On the basis of all these facts, it is concluded that the time was before the physical creations of this universe and will remain after these physical creations.

So how did real time originate? This question is worth pondering upon.









समय और समय अवधि या जीवन काल। और समय के फैलाव का संयुक्त सिद्धांत।



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आधुनिक युग में समय, समय के सिद्धांत अथवा समय की गतविधियों के बारे जानना ही सबसे जटिल प्रश्न है। इन रहस्यों के बारे में जानने की लालसा आधुनिक युग में कई सिद्धांत लाती जा रही है।  और यह आधुनिक सिध्यांत समय की समझ को और जटिल बनती जा रही है।

क्या वास्तव में समय की समझना अत्यंत कठिन है?

आधुनिक विज्ञानं के सिद्धांतो के अनुशार समय की शुरुआत एक बड़े धमाके से हुई। समय की गति बदल सकती है। यह कम या ज्यादा हो सकता है,यह गति पर निर्भर करता है। अथवा आधुनिक सिद्धांत यह भी कहता है समय का फैलाव हो सकता है।

अब प्रश्न यह है की क्या वाकई समय की गति में परिवर्तन हो सकता है? क्या यह धीमा अथवा तेज हो सकता है?

ब्रह्माण्ड के जीवन कल अथवा इसकी उत्पत्ति आध्यात्मिक और आधुनिक विज्ञानं के माध्यम  से अन्य ब्लॉग में बताई गई है( https://achintyaspiritual।blogspot।com/2019/10/the-life-span-of-universe-and-theory-of।html )

अगर हम आधुनिक अथवा आध्यात्मिक विज्ञानं के सिद्धांत को मिला कर बात करे तो:-


१- हाँ  यह सत्य है की भौतिक समय की शुरुआत बड़े धमाके के बाद शुरू हुई। किन्तु समय बड़े धमाके के पहले से भी था जब परम चेतना शक्ति निंद्रा अवस्था में थी और सृष्टि का भौतिक विकाश नहीं हो रहा था। अतः वास्तविक समय की शुरुआत कब हुई? कैसे हुई? यह जानना अत्यंत कठिन है। किन्तु वास्तविक समय की शुरुआत बिग बंग से नहीं हुई।




3- समय की गति में परिवर्तन होना संभव नहीं है। अध्यात्म के अनुशार समय किसी के लिए परिवर्तित नहीं होता। यह सब के लिए समान गति से चलता है।

अगर किसी प्रयोग के माध्यम से समय की गति में परिवर्तन देखा जा रहा है तो यह परिवर्तन उस घडी के समय में हो सकता है, अतः किसी घडी के समय का धीमा होना अथवा तेज होना यह निर्धारित नहीं करता की वास्तविक समय की गति में परिवर्तन हो जाये।

आधुनिक विज्ञानं में एक सिद्धांत के अनुशार समय की गति में परिवर्तन आ सकता है जिसका कथन है.

 " अगर हम प्रकाश की गति से तेज चले तो समय में परिवर्तन हो जायेगा" 

जिसमे आधुनिक विज्ञानं के अनुशार ब्लैक होल में समय धीमा हो जाता है। 

 किसी प्रयोग में घडी के परिवर्तन के कारन उसके समय की गति में परिवर्तन आ रहा है तो वह परिवर्तन घड़ी के बने अणुओ में परिवर्तन के कारन हो सकता है। बाहरीय ग्रुत्वकर्षण अधिक या कम होने के कारन घड़ी के परमाणुओं की गति में बदलाव आ सकता है।


२- जीवन काल :- किसी भी रचना का जीवन कितने समय तक के लिए है यह उसका जीवन काल कहलाता है। अतः वह समय जिसमे उस रचना का अस्तित्वा था।

 ब्रह्माण्ड की रचना का समय अथवा ब्रह्माण्ड में बड़े विस्फोट ये निर्धारित नहीं कर सकता की समय की शुरुआत कब से हुई।

अतः बड़े विस्फोट के कारन समय की उत्पत्ति नहीं हुई क्योकि यह भौतिक रचनाओं की शुरुआत का समय है।तो यह वह समय की शुरुआत है जिसमे भौतिक रचनाये शुरू हुई। 

अतः समय इन भौतिक रचनाओं के ख़त्म होने के बाद भी निरंतर चलता रहेगा। 

इन सभी तथ्यों के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है की समय इस ब्रह्माण्ड के भौतिक रचनाओं के पहले भी था और इन भौतिक रचनाओं क बाद भी रहेगा।

अतः वास्तविक समय की उत्पत्ति कैसे हुई? यह प्रश्न विचारणीय है।

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